उज्जैन: सनातन धर्म का सबसे बड़ा त्योहार होली आने वाली है। माना जाता है कि इसी दिन से सनातन धर्म के पंचांग के अनुसार हिन्दू नव वर्ष शुरु होता है। साथ ही साथ ऐसी मान्यता है कि कोई भी पर्व सबसे पहले बाबा महाकाल के दरबार में मनाया जाता है। यही कारण है कि बाबा के दरबार में देश के कोने-कोने से भक्त दर्शन करने आये हैं। सोमवार सुबह भस्म आरती के दौरान महाकाल मंदिर में फूलों से होली खेली गई।
आज सुबह भस्म आरती के पहले महाकाल को पंचामृत से अभिषेक किया गया। उसके बाद विशेष वस्त्र और आभूषण पहनाए गए। पूरे सज-सजा के बाद फूलों की होली खेली गई। इसी दौरान महाकालेश्वर प्रबंध समिति ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि मंदिर में किसी भी तरीके का रंग-गुलाल ना लाए। बाबा के साथ केवल फूलों की होली हीं खेली जाएगी। भस्म आरती के बाद पंडे-पुजारियों ने 40 क्विंटल फूलों से बाबा महाकाल के साथ खेली होली। जिकके बाद फूलों से बाबा महाकाल का शिवलिंग ढक चुका था।
महाकाल मंदिर के पुजारी पंडित दिलीप गुरू ने बताया कि आज बाबा के साथ फूलों की होली खेली गई है। लेकिन मंगलवार को रंगों के साथ खेली जाएगी। उज्जैन के महाकाल मंदिर में वैसे तो पूरा साल भीड़ होता है। लेकिन त्योहार के दौरान भक्त भोलेनाथ के साथ त्योहार मनाने आते हैं।
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