India News(इंडिया न्यूज़), Kamleshwar Dodiyar: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में रतलाम जिले की सालाना सीट से जीते कमलेश्वर देवरिया की करीबी और संघर्ष की कहानी इन दिनों चर्चा में है। आइए जानते हैं उनके मजदूर से विधायक बनने तक का सफर।
कमलेश्वर देवरिया का जन्म वर्ष 1990 में सैलाना के राधाकुंआ के गरीब परिवार में हुआ था। उनके छह भाई और तीन बहनें हैं। उस वक्त खपरैल वाले मकान में रहते थे।
कमलेश्वर देवरिया के पिता प्रवासी मजदूर थे। उनके साथ कमलेश्वर भी मजदूरी के लिए बचपन में कोटा, अहमदाबाद आदि शहरों में जाते थे।
कमलेश्वर देवरिया ने मजदूरी और खेती के साथ-साथ पढ़ाई जारी रखी। आर्थिक स्थितियों की वजह से बीच-बीच में पढ़ाई छूट भी जाती थी।
वर्ष 2009 में कमलेश्वर देवरिया ने अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव जीते बराक ओबामा से प्रेरित हो विधायक बनने का सपना सजाया।
साल 2013 में रतलाम के सरकारी कॉलेज से उनेहोंने बीए की डिग्री हासिल की। और 2016 में दिल्ली यूनिवर्सिटी में एलएलबी की पढ़ाई के लिए गए। पढ़ाई के दौरान वह युवाओं के साथ प्रदर्शन भी करते थे। उन्होंने जेएनयू में कन्हैया कुमार वाले मामले में भी प्रदर्शन किया था।
कमलेश्वर देवरिया ने साल 2018 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा। जहां 18000 से ज्यादा वोट हासिल किए।
साल 2018 से 2022 तक का सफर कमलेश्वर देवरिया के लिए उथल-पुथल भरा रहा। जहां उन्होंने जनता के लिए प्रदर्शन करने पर कई बार जेल गए वहीं रेप केस का भी आरोप लगा। उसी बीच इनकी शादी भी हुए।
वहीं साल 2023 में विधानसभा का चुनाव भारत आदिवासी पार्टी के बैनर पर लड़ा और कांग्रेस के कद्दावर प्रत्याशी हर्ष विजय गेहलोत को हार का मजा चखा दिया। वे जीतने के बाद बाइक से भोपाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करने भी पहुंचे।
ये भी पढ़ें-Gwalior Rape Case: 35 साल की महिला का बलात्कार..हत्या कर जला डाला!