India News (इंडिया न्यूज़), Kuno National Park Cheetah,MP: भारत से 1952 में गायब हुए चीतों को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुनर्स्थापन करवाने में लगे हुए हैं। इसके तहत अलग-अलग देशों से चीतों को भारत लाया जा रहा है। इसके लिए अबतक नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से चीतों को भारत लाया गया है। लाए गए चितों को अब तक कूनो नेशनल पार्क में रखा गया है।
लाए गए चितों में से अब तक 3 चीतों की मौत हो चुकी है। जिसमें साशा और उदय के बारे में कहा जा रहा है कि इनकी मौत बीमारी की वजह से हुई है। वहीं तीसरे चीते का मौत का कारण हिंसा बताया जा रहा है। बीते 9 मई को मादा चीता दक्षा की मौत हो गई। मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन जीव एवं मुख्य वन जीव रक्षक जसवीर सिंह चौहान का कहना है कि अक्सर संभोग के दौरान नर चीते हिंसात्मक हो जाते हैं।
यह संभव है कि दक्षा की मौत संभोग के दौरान हिंसा की वजह से हुई हो। वही चीता कंजर्वेशन फंड की माने तो चीता सिर्फ संभोग के लिए हैं नर चीते से मिलती है। जिसके बाद वह अलग-अलग हो जाते हैं। इस दौरान मादा चीता को अपना ख्याल खुद रखना होता है।
दक्षा के मौत के साथ नर और मादा चीतों की संख्या लगभग बराबर हो गई है। पहले चरण में लाए गए 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था। जिसमें 5 मादा और तीन नर चीते शामिल थें। वहीं दूसरी खेप में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीतों में से 5 मादा और 7 नर चीते में शामिल थे।
अब तक कुल मिलाकर कूनो नेशनल पार्क में 20 चीते छोड़े गए थें। जिसमें से तीन की मौत हो चुकी है। एक मादा साशा की मौत किडनी की बीमारी से हुई तो वहीं दूसरे चीते उदय की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया। अब तीसरे चीते की मौत का कारण सेक्स के दौरान हिंसा बताई जा रही है। अब कूनो नेशनल पार्क में 17 चीते बचे हैं जिसमें 8 मादा और 9 नर शामिल है।
बता दें कि लाए गए 20 चीतों में 3 की मौत तो हो गई है लेकिन चार शावकों का भी जन्म हुआ है। सभी शावकों की स्थिति सामान्य बताई जा रही है। अभी तक जन्म लिए शावकों का लिंग का खुलासा नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि 3 महीने की अवधि के बाद इनके लिंग का खुलासा किया जाएगा।
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