इंडिया न्यूज़, उज्जैन:
World Record Registered in the Name of Ujjain महाशिवरात्रि (Mahashivratri)की रात धर्मनगरी उज्जैन 11 लाख 71 हजार 78 दीपों से जगमगा उठी। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(shivraj singh chouhan) ने सपत्नीक 15 दीप जलाकर शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम की शुरुआत की इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी साधना सिंह चौहान भी साथ थी। सीएम के दीप जलाते ही क्षिप्रा नदी के घाटों समेत महाकाल नगरी उज्जैन लाखों दीपों से रोशन हो उठी। इसके बाद उज्जैन का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड(Guinness Book of World Records) में दर्ज हो गया। विश्व कीर्तिमान बनाने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रतिनिधि निश्चल बारोट ने प्रमाण पत्र सौंपा सीएम ने इस मौके पर कहा कि अब हर साल महाशिवरात्रि इसी प्रकार से मनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि महाकाल महाराज की कृपा और आम जनता की भक्ति, श्रद्धा एवं तपस्या से आज महाशिवरात्रि पर एक अनोखा रिकार्ड स्थापित करने का सौभाग्य मिला है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भगवान महाकाल उज्जैन नगरी पर कृपा की वर्षा करें, सभी सुखी हों, सभी निरोगी हों और सबका कल्याण हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वैभवशाली, सम्पन्न एवं शक्तिशाली राष्ट्र का निर्माण कर रहे हैं। प्रधानमंत्री द्वारा युक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिये मिशन गंगा अभियान का सफल संचालन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हम भगवान महाकाल के चरणों में प्रणाम करते हैं। देवाधिदेव महाकाल ऐसे देव हैं, जिनकी नजरों में कोई छोटा-बड़ा नहीं है। भोले भण्डारी आशुतोष भगवान केवल बिल्वपत्र की भेंट पाकर प्रसन्न हो जाते हैं। उन्हें छप्पन भोग नहीं चाहिये। वे भांग-धतूरे से ही खुश होते हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मैं प्रदेशवासियों से अपील करना चाहता हूँ कि भगवान शंकर ने जिस तरह से विष पीया, दुनिया को बचाने के लिये संघर्ष किया और नीलकंठ कहलाये। हमें भी ऐसा सोचना चाहिए कि दूसरों की सेवा के लिये किस तरह त्याग करें।
उन्होंने आमजन से अपील की कि भोलेनाथ से शिक्षा लेना चाहिये। जिनके पास जरूरत से ज्यादा है, वे उनको दें जिनको जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं उज्जैन की जनता को हृदय से धन्यवाद देता हूँ, जिन्होंने आज एक अभूतपूर्व कार्य किया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि उज्जैन नगर का जन्म-दिवस गुड़ी पड़वा (वर्ष प्रतिपदा) पर मनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि न केवल अवन्तिका बल्कि प्रदेश के हर गाँव, हर शहर का अपना जन्म-दिवस मनेगा।
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