Datia: मध्यप्रदेश के दतिया जिले में नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के मामले में अदालत ने बहुत बड़ा फैसला सुना दिया है। जिसके तहत नाबालिक बच्ची से दुष्कर्म करने वाले मामा को कोर्ट ने फांसी की सजा सुना दी है। पोस्को विशेष कोर्ट की जज रमाजयंत मित्तल ने (आरोपि मामा) छत्रपाल रावत को फांसी की सजा सुनाने के साथ-साथ 18000 रुपये का जुरमाना भी लगाया है।
आपको बता दें की घटना जिले की गोराघाट थाना इलाके के एक गांव की है। जहां पर 8 मई को पीड़ित नाबालिक बच्ची अपने मौसा के यहां शादी में शामिल होने आई थी। लेकिन इस शादी के दौरान नाबालिक बच्ची का मुंह बोला मामा छत्रपाल रावत ने अपने नापाक इरादो के अंजाम दिया।
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जानकारी मिली है कि शादी की रात छत्रपाल ने उस 9 साल की बच्ची को अगवा कर लिया। जिसके बाद वह उसे पास के जंगल में ले गया, और फिर वहां उसने उस बच्ची के साथ दुष्कर्म कर अपने घिनौने इरादे को पुरा किया। बाद में पुलिस से बचने के लिए उसने उस बच्ची की भी हत्या कर डाली।
जब बच्ची शादी में कहीं नहीं मिली तब परिजनों ने बच्ची के लापता होने की शिकायत करी। जिसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी थी और आरोपी छत्रपाल को गिरफ्तार किया था, और इस मसले में कोर्ट ने अब अपना फैसला दिया है।
आपको बता दें की इस मामले की पैरवी कर रहे विशिष्ट लोक अभियोजक एडवोकेट आशीष चतुर्वेदी का कहना है कि गंभीर अपराधों में फांसी की सजा का प्रावधान है। न्यायालय ने बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या करने के मामले को गंभीरता से लिया है। जिसके चलते दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने छत्रपाल को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही 18000 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
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