India News (इंडिया न्यूज), MP Election 2023: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी इस बार पूरा जोर लगा रही है, कांग्रेस पार्टी चहाती है की उनकी सत्ता में वापसी हो जाए, कांग्रेस का खासतौर पर उन सीटों पर फोकस है जहां पर भाजपा मजबूत है, इसी काम में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जुटे हुए हैं। साथ ही मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को मतदान होंगे, और 3 दिसंबर को परिणाम आएंगे।
भोपाल की गोविंदपुरा विधानसभा सीट बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का गढ़ मानी जाती थी, पिछले 46 सालों से यह सीट भाजपा का अभेद्य किला मानी जाती है, जहां कांग्रेस को कई बार प्रयास करने के बाद भी यहां सफलता नहीं मिली है।
विधानसभा सीट के इतिहास की बात करें तो भोपाल की गोविंदपुरा सीट 1967 में बनी थी, जिसके बाद 1967 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी, कांग्रेस प्रत्याशी केएल प्रधान यहां से चुनाव जीतकर मध्य प्रदेश विधानसभा पहुंचे थे, इसके बाद कांग्रेस ने 1972 के चुनाव में भी इसी सीट से जीत दर्ज की, हालांकि, पार्टी ने के मोहनलाल अस्थाना को टिकट दिया था और वह यहां से जीते थे, साल 1977 में फिर इस सीट पर कांग्रेस की हार हुई थी और उसके बाद कांग्रेस का यहां कोई भी उम्मीदवार सफलता हासिल नहीं कर पाया है।
लक्ष्मीनारायण शर्मा 1977 के विधानसभा चुनाव में यहां से जनता पार्टी के प्रत्याशी बने थे, 1980 तक, भाजपा की स्थापना हो गई थी, और इसी साल हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार बाबूलाल गौर ने गोविंदपुरा विधानसभा सीट से अपना पहली बार चुनाव जीता था, और गोविंदपुरा विधानसभा सीट पर बाबूलाल गौर का कब्जा हो गया, जिसके बाद बाबूलाल गौर यहां से कभी चुनाव नहीं हारे, वे लगातार यहां से विधायक के रूप में 1980, 1985, 1990, 1993, 1998, 2003, 2008 और 2013 का चुनाव जीते। 2018 के विधानसभा चुनाव में भी गौर परिवार की सदस्य ने यहां से जीत दर्ज की थी।
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