टीम इंडिया के बल्लेबाज हनुमा विहारी ने कलाई में फ्रैक्चर के बावजूद अपनी घरेलू टीम आंध्र प्रदेश के लिए दो बार बल्लेबाजी करने के लिए उतरते हुए धैर्य और दृढ़ संकल्प का एक अनुकरणीय प्रदर्शन किया। आखिरकार, सेमी-फ़ाइनल में एक स्थान दांव पर था, और विहारी ने असाधारण साहस दिखाया क्योंकि उन्होंने एक हाथ से बल्लेबाजी की और आंध्र के स्कोरकार्ड में मूल्यवान रन जोड़े।
पिछले सीजन की चैंपियन मध्य प्रदेश से मिली हार के बाद आंध्र प्रदेश बाहर हो चूका है लेकिन विहारी को अपनी प्रतिबद्धता के लिए क्रिकेट बिरादरी से जबरदस्त प्रशंसा मिल रही है।
फिजियो मना करतें रह गए लेकिन नहीं माने विहारी
मैच के बाद विहारी ने मैच में आंध्र के लिए अपने योगदान के बारे में बात करने के लिए भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा से बात करते हुए खुलासा किया कि टीम फिजियो ने उन्हें बार-बार बल्लेबाजी नहीं करने के लिए कहा लेकिन विहारी नही माने और टूटी कलाई से ही खेलने उतर गए।
फिर से चोट लगी तो खतरे में पड़ सतका है करियर
विहारी ने कहा, ‘जब मैंने कहा कि मैं बल्लेबाजी करना चाहता हूं, तो फिजियो ने मुझे 10 बार कहा कि अगर बल्लेबाजी करते समय मेरे हाथ पर फिर से चोट लगती है तो मेरा करियर खतरे में पड़ सकता है, मैंने फिजियो से कहा कि अगर मैं इस मैच के बाद क्रिकेट नहीं खेलता हूं तो कोई समस्या नहीं है लेकिन अगर मैं इस मैच में आंध्र के लिए हार मान लेता हूं, तो यह मेरे दिल में हमेशा के लिए रहेगा,” ।