मनोज जोशी, नई दिल्ली : कभी युकी भांबरी का जूनियर वर्ग में खूब जलवा हुआ करता था। ऑस्ट्रेलियाई ओपन का जूनियर खिताब जीतने के साथ ही वह सुर्खियों में आए और फिर सीनियर टीम में भी उन्होंने अपना एक अलग वजूद बनाया लेकिन लगातार इंजरी की समस्या ने उन्हें कुछ वर्षों के लिए हाशिये पर धकेल दिया। डेनमार्क के खिलाफ शुक्रवार से शुरू होने वाले डेविस कप ग्रुप 1 के प्लेऑफ मुकाबले के लिए ड्रॉ घोषित कर दिये गये हैं।
युकी भांबरी को माइकल टॉरपेगार्ड से खेलना है। इस बारे में युकी ने कहा कि ड्रॉ हमारे अनुकूल है। हमारे नंबर वन खिलाड़ी रामकुमार रामनाथन पहला सिंगल्स खेलेंगे। अगर वह यह मुकाबला जीत जाते हैं तो उन पर दूसरे सिंगल्स मैच
में कोई दबाव नहीं होगा।
रामकुमार के हारने की स्थिति में कितना दबाव होगा, इसके जवाब में युकी ने कहा कि यह स्वाभाविक है। ऐसा होने पर उन पर दबाव जरूर बढ़ेगा लेकिन उन्हें लगता है कि ऐसी स्थिति नहीं आनी चाहिए। युकी ने कहा कि मेरा और रामकुमार का अच्छा प्रदर्शन टीम को जीत दिलाने में बड़ा रोल निभाएगा, क्योंकि हम दोनों को ही दो-दो मुकाबलों में उतरना है।
इंजरी की वजह से वह कितने हतोत्साहित हुए और उस समय उनका खेल कितना प्रभावित हुआ, इसके जवाब में युकी ने कहा कि वह वास्तव में काफी मुश्किल दौर था। एक तो इंजरी से परेशान था, दूसरे कोविड की वजह से खेल बुरी तरह से प्रभावित हो रहे थे। अभ्यास छूट गया था।
2020 और 2021 का समय मुश्किल दौर था लेकिन इस दौरान मैंने अपनी फिटनेस पर काम किया। जब मुझे पता चला कि मेरी डेविस कप टीम में वापसी हो गई है और वह भी दिल्ली जिमखाना में तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा क्योंकि मैं दिल्ली में पला-बढ़ा हूं। यहां का माहौल भारतीय टीम के काफी अनुकूल है।
दिल्ली जिमखाना का कोर्ट कितना चैलेंजिंग होगा, इसके जवाब में युकी ने कहा कि यह हमारे लिए ही नहीं सबके लिए चैलेंजिंग होगा। हम इसका अधिक से अधिक फायदा उठाने की कोशिश करेंगे। यहां धैर्य दिखाना होगा। यहां गेंद हिलता है। गेंद का सही अंदाजा लगाना पड़ता है।
इसी बात का हमने इन दस दिन में अभ्यास किया है। यहां बैकलिफ्ट कम रखनी होती है। हार्डकोर्ट पर जिस जगह आप शॉट खेलेंगे, उतना ही आपको उछाल मिलेगा। यहां के ग्रासकोर्ट काफी तेज है। उछाल कम है। ऐसा नहीं है कि हर ग्रास कोर्ट ऐसा ही होता है। हर देश में ग्रास की प्रवृति अलग-अलग रहती है। जरूरत है खुद को उसके हिसाब से ढालने की।
भारत में ग्रास रूट लेवल पर उतने खिलाड़ी सामने नहीं आते जबकि आॅस्ट्रेलिया, स्पेन, इटली आदि देशों में एक साथ काफी खिलाड़ी पेशेवर टेनिस खेलते दिखाई देते हैं। इसके बारे में युकी ने कहा कि हमारे यहां भी खिलाड़ियों में क्षमताओं की कोई कमी नहीं है। यहां भी क्लब में हजारों बच्चे टेनिस खेलते हैं।
जरूरत है ऐसे बच्चों की पहचान करने की। ऐसे ही सौ प्रतिभाशाली बच्चों की पहचान करके उन्हें ट्रेनिंग दी जाये। उनकी तकनीक पर काम किया जाये। अगर यही सब करके आॅस्ट्रेलिया, अमेरिका, स्पेन और इटली अच्छे परिणाम दे सकते हैं तो यह काम तो हमारे यहां भी सम्भव है। बस, यहीं हमारे सिस्टम की कमी देखने को मिलती है।
भारतीय टीम के कोच जीशान अली का कहना है कि ड्रॉ इस मामले में हमारे अनुकूल रहा है कि रामकुमार रामनाथन पहला मैच खेल रहे हैं। यही हम चाहते थे। उनके अच्छा प्रदर्शन करने पर युकी भाम्ब्री पर दबाव नहीं होगा।
रोहन बोपन्ना और रामकुमार रामनाथन की जोड़ी हाल में काफी सफल रही है। इसके बावजूद भारतीय टीम ने बोपन्ना के जोड़ीदार के रूप में दिविज शरण को चुना। इस बारे में जीशान ने कहा कि यह ठीक है कि हाल में बोपन्ना और रामकुमार ने डबल्स में अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन इससे पहले बोपन्ना और दिविज भी अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं। दोनों ने इटली के खिलाफ डबल्स में हमें मैच जिताया था।
सच तो यह है कि दिविज, बोपन्ना, युकी और रामकुमार सभी डबल्स बहुत अच्छा खेलते हैं लेकिन हमने दिविज को इसलिए भी चुना क्योंकि रामकुमार पर अतिरिक्त दबाव न पड़े। वैसे भी वह दो सिंगल्स मैच भी खेल रहे हैं। डबल्स और सिंगल्स मैच के बीच आम तौर पर 20 मिनट का ही अंतर होता है। इसलिए उन पर अतिरिक्त दबाव को कम करने की कोशिश की गई है।
जीशान ने कहा कि ग्रास पर खेलने का हमें लाभ है। यहां उछाल कम और स्पीड तेज है। ये दोनों बातें हमारे अनुकूल होंगी। हमारे खिलाड़ी इस सतह का फायदा उठाना चाहते हैं जबकि इसी ग्रास में डेनमार्क के खिलाफ बहुत सहज नहीं हैं। मुझे विश्वास है कि अनुकूल परिस्थितियों में हमारे खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करके आगे के लिए उम्मीद जगाएंगे।
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