India News MP (इंडिया न्यूज), Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को ‘विवादित’ भोजशाला परिसर के सर्वेक्षण की अनुमति दे दी है। जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी और देवनारायण मिश्रा की पीठ ने भोजशाला मंदिर सह कमल मौला मस्जिद परिसर की पूरी वैज्ञानिक जांच, सर्वेक्षण और खुदाई का आदेश दिया।
बता दें कि 19 फरवरी को, एक हिंदू संगठन ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय से संपर्क कर ASI को धार जिले में भोजशाला के विवादित स्मारक की समयबद्ध “वैज्ञानिक जांच” करने का निर्देश देने की मांग की थी। जिसके बारे में दावा किया गया था कि यह देवी वाग्देवी मंदिर है।
भोजशाला एक ASI-संरक्षित स्मारक है, जिसे हिंदू देवी वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर मानते हैं, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमल मौला मस्जिद मानता है। 7 अप्रैल, 2003 को जारी ASI के एक आदेश के अनुसार, हिंदुओं को हर मंगलवार को भोजशाला परिसर के अंदर पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुसलमानों को हर शुक्रवार को साइट पर नमाज अदा करने की अनुमति है।
ASI के लगभग 21 साल पुराने आदेश को चुनौती देते हुए, जिसमें हिंदुओं और मुसलमानों को अलग-अलग दिनों को साइट तक पहुंचने की अनुमति दी गई थी, संगठन ने अदालत को बताया कि भोजशाला परिसर की वैज्ञानिक जांच के बिना और नियमों के अनुसार डिक्री जारी की गई थी। नियमों के मुताबिक, किसी मंदिर के अंदर ‘नमाज’ अदा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
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