India News (इंडिया न्यूज़), NEET 2023,MP: हमारे देश में अधिकतर वह बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं, जिनके मां-बाप प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने में सक्षम नहीं होते है। यानी कुल मिलाकर सरकारी स्कूल में वही बच्चे पढ़ते हैं जो गरीब तबके से आते हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को लेकर बहुत बड़ा फैसला लिया है। सरकारी स्कूल से पढ़ाई करने वाले बच्चों को MBBS और BDS में दाखिले के लिए 5% आरक्षण दिया जा रहा है। इन बच्चों को रिजर्वेशन का फायदा उठाने के लिए छठी से 12वी तक नियमित रूप से सरकारी स्कूल में पढ़ना अनिवार्य है।
आपको बता दें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बात की घोषणा 2 महीने पहले की थी जिसके लिए गुरुवार को आदेश जारी कर दिया गया है। शिवराज सिंह चौहान ने 2 महीने पहले कहा था कि राज्य के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में 5 फ़ीसदी कोटा सरकारी स्कूल के छात्रों को दिया जाएगा। शिवराज सिंह चौहान अपने इस विश्वास पर खरे उतरते नजर आ रहे हैं। सरकार के इस फैसले से छात्रों में खुइशी का माहौल है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत जो छात्र कक्षा आठवीं तक प्राइवेट स्कूल में पढ़े हो और उसके बाद नौवीं से बारहवीं तक सरकारी स्कूल में अध्ययन किया हो और परीक्षा उत्तरण किया हो उन्हें भी इसमें शामिल किया जाएगा। यह नया प्रावधान तकनीकी शिक्षा विभाग ने जारी कर दिया है। इसके लिए मध्यप्रदेश चिकित्सा शिक्षा प्रवेश नियम 2018 में बदलाव किया गया है।
नए बदलावों के मुताबिक प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों के सभी पाठ्यक्रमों में महिलाओं को 30 और दिव्यांग अभ्यर्थियों को 5 फ़ीसदी आरक्षण दिया जाएगा। साथ ही साथ स्वतंत्रता सेनानी परिवार से आने वाले बच्चों को राज्य के मेडिकल कॉलेज में तीन फ़ीसदी आरक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा अब समस्त शासकीय और निजी मेडिकल कॉलेज में 5 फ़ीसदी आरक्षण सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में मिलने वाला है।
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