India News MP ( इंडिया न्यूज ), Ujjain Mahakal: उज्जैन के महाकाल मंदिर में पिछले 1 साल से गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक है। हालांकि, वीआईपी व्यक्तियों को अभी भी अंदर जाने की अनुमति मिल रही है, जिससे भक्तों में असंतोष बढ़ रहा है।
जुलाई 2023 में श्रावण मास की भीड़ को देखते हुए गर्भगृह बंद किया गया था। तब कहा गया था कि यह अस्थायी व्यवस्था है, लेकिन एक साल बाद भी स्थिति यथावत है। इस बीच, कई राजनेताओं और अधिकारियों ने गर्भगृह में प्रवेश किया है।
मंदिर के पुजारी महेश जी के अनुसार, पहले 1500 रुपये का शुल्क देकर गर्भगृह में पूजा की जा सकती थी। अब श्रद्धालु केवल गणेश मंडपम और नंदी हॉल से ही दर्शन कर पा रहे हैं।
गर्भगृह बंद होने के पीछे शिवलिंग के क्षरण की चिंता भी एक कारण है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप किया था और श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करने का सुझाव दिया था।
मंदिर में रोजाना लगभग दो लाख भक्त आते हैं, जबकि गर्भगृह में प्रतिदिन केवल दो हजार लोगों को ही प्रवेश दिया जा सकता है। यह स्थिति प्रबंधन के लिए एक बड़ी चुनौती है।
कई श्रद्धालुओं ने अपनी निराशा व्यक्त की है। विदेश से आए भक्तों ने भी बाबा के दर्शन ना होने पर निराशा जताई, गर्भगृह को जल्द खोलने की मांग की है। पुजारियों ने भी इसी विचार का समर्थन किया है।
मंदिर प्रशासन अभी इस मुद्दे पर चुप है। कलेक्टर नीरज सिंह के अनुसार, फिलहाल वर्तमान व्यवस्था ही जारी रहेगी।
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