होम / Bhai Dooj 2023: क्यों मनाया जाता है भाई दूज का त्योहार, जानें क्या है पौराणिक कथा

Bhai Dooj 2023: क्यों मनाया जाता है भाई दूज का त्योहार, जानें क्या है पौराणिक कथा

• LAST UPDATED : November 8, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Bhai Dooj 2023: दिपावली के तीन दिन बाद भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस साल भाई दूज का त्योहार 15 नवंबर को है। भाई दूज का त्योहार रक्षाबंधन की तरह ही मनाया जाता है। इस दिन सभी बहनें अपने भाईयों की लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं और साथ ही उपवास करती है।

रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है उसी तरह, भाई दूज पर बहनें भाइयों को रोली का तिलक करती है और मौली भी बांधती हैं। इसके बाद भाई को मिठाई खिलाकर नारियल देती हैं।

भाई दूज का त्योहार पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। सभी जगह पर इसे मनाने की अलग अलग मान्यताएं है। उत्तरी भारत में बहनें भाईयों को तिलक और अक्षत लगाकर नारियल का गोला उपहार में देती हैं तो पूर्वी भारत में शंखनाद के बाद तिलक लगाकर कुछ भी उपहार देने की मान्यता है। इस दिन बहने अपने भाईयों की लंबी आयु की कामना करती है। और भाई को भोजन कराने के बाद ही व्रत खोलती हैं।

भाई दूज क्यों मनाया जाता है?

भाई दूज के दिन बहनें भाई को तिलक करने के बाद भोजन कराने की धार्मिक मान्यता है। यह कहा जाता है कि जो बहन पूरी श्रद्धा और आदर के साथ तिलक और भोजन कराती है और जो भाई अपनी बहन का आतिथ्य स्वीकार करता है, उनकी सारी इच्छाएं पूर्ण होती है।

भाई दूज की पौराणिक कथा

भाई दूज मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा है। स्कंदपुराण की कथा के अनुसार, सूर्य देवता और उनकी पत्नी संज्ञा की दो संतान थीं, उनके बेटे का नाम यमराज और बेटी क नाम यमुना था। यमराज पापियों को दंड देते थी। बेटी यमुना मन की निर्मल थीं और उन्हें लोगों की परेशानी देख बहुत दुख होता था इसलिए वे गोलोक में रहती थीं। एक दिन जब बहन यमुना ने भाई यमराज को गोलोक में भोजन के लिए आमंत्रित किया तो बहन के घर जाने से पहले यमराज ने नरक के निवासियों को मुक्त कर दिया था।

वहीं, दूसरी कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण राक्षस नरकासुर को हराने के बाद अपनी बहन सुभद्रा से मिलने गये थे, तो उस दिन को भी भाई दूज के रूप में मनाया जाता है। यह मान्यता है कि सुभद्रा की तरह भाई के माथे पर तिलक लगाने से भाई बहन के बीच प्रेम बढ़ता है। इस दिन भाई औऱ बहन साथ में यमुना नदी में स्नान करने की भी मान्यता है। इस दिन श्रद्धापूर्वक अपने पापों की माफी मांगने पर यमराज आपको क्षमा कर देते हैं।

Also Read: Diwali 2023: धनतेरस पर भूलकर भी न खरीदें ये 7 चीजें, मां लक्ष्मी हो जाएगीं नाराज

Diwali 2023: बिना पटाखों के मनाएं दिवाली, अपनाएं ये चार टिप्स

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox