India News (इंडिया न्यूज़), Diwali 2023: दिवाली का त्योहार हिंदू धर्म की आस्था से जुड़ा महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व प्रकाश का पर्व है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न का पर्व है। दीपावाली का पर्व पूरे भारतवर्ष की आस्था का पर्व है। दिवाली का पर्व सबसे पहले अयोध्या नगरी में जब मनाया गया। जब त्रेतायुग में भगवान श्री राम 14 साल का वनवास काट कर अयोध्या लौटे थे।
अधिकतर लोगों के मन में सवाल उठता होगा कि अयोध्या आने से पहले प्रभु श्री राम सबसे पहले किससे मिले। आपको बताते है कि त्रेतायुग में प्रभु श्री राम अयोध्या पहुंचे तो किस प्रकार अयोध्यावासियों ने उनके आगमन पर उनका भव्य तरीके से स्वागत किया। आज हम आपको इन सभी बातों के बारे में बताते है….
प्रभु श्री राम जब वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे। तो उनके प्रिय भाई भरत ने प्रण लिया था और श्री राम से कहा था कि आपका भाई भरत आज से यह प्रण लेता है कि जब तक आपका 14 साल का वनवास रहेगा तब तक में आपके कुशल मंगल रहने के लिए 14 सालों तक अयोध्या स्थित नंदीग्राम में रह कर तप करूंगा। साथ ही कहा कि यदि भ्राता आप 14 साल के वनवास पूर्ण करने के आखिरी दिन अयोध्या नहीं आए तो आपका ये भाई भरत अपने प्राणों को त्याग देगा।
राम वनवास पूर्ण करके आयोध्या से वापस लौटेंगे तो राम ने अपने प्रिय भाई भरत को गले से लगाया और कहा कि भरत में वचन देता हूं कि 14 साल का वनवास पिता के द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार पूर्ण करने के बाद अयोध्या वापस आऊंगा। जब प्रभु श्री राम 14 साल का वनवास पूर्ण करने के बाद अयोध्या आ रहे थे। तो सबसे पहले अपने भाई भरत से अयोध्या स्थित नंदीग्राम में मिले और प्रिय भाई भरत को प्रेम पूर्वक हृदय से लगाया और यह क्षण भरत मिलाप कहलाया।