India News(इंडिया न्यूज़), Foam: हम कपड़े धोने, बर्तन धोने और नहाने के लिए कई प्रकार के साबुन का उपयोग करते हैं। इन सभी चीजों में इस्तेमाल होने वाले साबुन का आकार और रंग अलग-अलग हो सकता है, लेकिन पहले साबुन का रंग सफेद होता है। सोचने वाली बात यह है कि साबुन को सफेद न होते हुए भी सफेद झाग वाला क्यों माना जाता है। फोम का रंग साबुन के रंग के जैसा क्यों नहीं होता? इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि साबुन से निकलने वाले झाग का रंग सफेद क्यों होता है।
अवधारणा यह है कि जब किसी वस्तु के सभी रंग हटा दिए जाते हैं तो उसका रंग काला दिखाई देता है। वहीं यदि प्रकाश के सभी रंग उस वस्तु से परावर्तित हो जाएं या उसका लक्ष्य न हो तो उसका रंग सफेद दिखाई देगा। विज्ञान यह सिद्ध करता है कि किसी भी वस्तु का अपना कोई रंग नहीं होता, यह प्रकाश की उत्पत्ति और परावर्तन पर निर्भर करता है।
प्रकाश के सभी रंग साबुन के झाग पर प्रतिबिंबित होते हैं। यही कारण है कि साबुन का रंग अलग-अलग होने पर भी उसका झाग सफेद होता है। वह प्रक्रिया जिसके द्वारा प्रकाश की किरण किसी सतह से वापस लौटती है, प्रकाश का परावर्तन कहलाती है। प्रकाश के परावर्तन से वस्तुएँ चमकदार हो जाती हैं। जानने की बात यह है कि साबुन के झाग में भी अनगिनत चमकदार और शीशे जैसा व्यवहार करने वाले बुलबुले शामिल होते है।
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