India News (इंडिया न्यूज़), Interest waiver of defaulter farmers ,MP: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी जोर शोर से शुरु हो गई है। प्रदेश के हर वर्ग के लोगों के लिए सरकार कुछ ना कुछ योजनाएं ला रही है। अभी कुछ दिन पहले महिलाओं के लिए लाडली बहना योजना को लॉन्च किया गया था। तो अब किसान मतदाताओं को लुभाने के लिए कर्ज माफी की राजनीति शुरू हो गई है।
राज्य सरकार ने किसानों का दिल जीतने के लिए ब्याज माफ करने का फैसला किया है। बता दें कि इसके लिए सरकार ने 11 लाख से अधिक डिफाल्टर किसानों का 2000 करोड़ से ज्यादा का कर्ज का ब्याज माफ करने का फैसला लिया है। राज्य सरकार ने प्रदेश के जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) के 12 लाख किसानों का बकाया ब्याज राशि माफ करने का फैसला लिया गया है।
इसके लिए कैबिनेट से 2123 करोड रुपए की मंजूरी दे दी गई है। इस योजना में लाभ पाने के लिए फसल ऋण और मध्यकालीन परिवर्तित ऋण का ब्याज सहित मिलाकर 2 लाख तक का कर्ज 31 मार्च 2023 तक बकाया होना चाहिए। इसके लिए किसानों को ब्याज माफी के लिए अपनी समिति में आवेदन करना होगा।
इसी के साथ प्रदेश अध्यक्ष दर्शन चौधरी ने कहा कि कमलनाथ की झूठी सरकार ने कर्ज माफी की घोषणा की थी लेकिन जब सरकार बनी तो उनका ध्यान किसानों से हट गया और किसान कर्जदार बन गए। वहीं भाजपा की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ब्याज माफी का फैसला लिया है।
जिसके जवाब में कांग्रेस के प्रवक्ता केदार सिरोही ने कहा कि किसानों की हालत भूखे व्यक्ति जैसी है। जिसे खाने की जरूरत है लेकिन, उसे एक निवाला देकर छोड़ दिया गया है। भाजपा ने अब तक केवल अपने कार्यकर्ताओं को खुश किया है।
उनका कहना है कि सहकारी बैंक से कर्ज केवल सत्ताधारी दल के लोगों को ही दिया जाता है। अब ब्याज भी सहकारी बैंक के कर्जदारों का माफ किया जा रहा है। कुल मिलाकर सरकार की नीयत ठीक नहीं दिखाई दे रही है। सभी बैंकों का कर्ज माफ किया जाता तो इससे किसानों को लाभ हो सकता था। लेकिन केवल सहकारी बैंक का कर्ज माफ किया गया है। जिससे केवल सत्ताधारी दल से जुड़े लोगों को फायदा मिलेगा।
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