Navratri 2023 Maa kushmanda: आज महापर्व नवरात्रि का चौथा दिन है। वैसे नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है और आज के दिन मां कुष्मांडा की पूजा आराधना होती है। मां दुर्गा का यह स्वरूप कुष्मांडा परम शक्ति दायक और कल्याणकारी स्वरूप है। नवरात्रि के तीसरे दिन मां कुष्मांडा की आराधना करने से आध्यात्मिक शक्ति मिलती हैं।
माँ कुष्मांडा के पास कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प अमृत से भरा कलश, चक्र, गदा और माला है, माँ कुष्मांडा की आठ भुजाएँ हैं। इसलिए इसे अष्टभुजा भी कहते हैं। इनका वाहन सिंह है। मां कुष्मांडा का वास सौरमंडल के भीतर है।
नवरात्रि के तीसरे दिन मां कुष्मांडा की पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजा स्थान पर गंगाजल डालें। फिर मां कुष्मांडा को जल पुष्प अर्पित करें और उनका ध्यान करते हुए उनके सामने दीपक जलाएं। मां को मन से फूल, धूप, गंध, भोग अर्पित करें। इसके साथ ही मां सुरसम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च के मंत्र का जाप करें। अंत में बड़ों को प्रणाम कर प्रसाद बांटे और स्वयं प्रसाद ग्रहण करें।
मां कुष्मांडा को दूध से बने भोग अति प्रिय होते हैं। इस दिन मालपुआ का भोग लगाएं। इससे कूष्मांडा प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर अपना आशीर्वाद बनाए रखती हैं।
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