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इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से जीवन से नकारात्मकता दूर होती है

• LAST UPDATED : May 28, 2022

इंडिया न्यूज़, Somvati Amavasya 2022: इस वर्ष 30 मई को सोमवती अमावस्या मनाई जा रही है अमावस्या का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। ऐसी मान्यता है की अमावस्या पर पितरों के तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करे और दान-पुण्य करने की परंपरा है।

अमावस्या को सोमवती अमावस्या क्यों कहा जाता है

सोमवार के दिन होने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन महिलाएं व्रत रखती है। भगवान शिवजी और माता पार्वती की पूजा करती हैं। मान्यता है कि इस दिन शंकर और मां गौरी की आराधना करने से सुहागिनों के पति की आयु लंबी होती है। पति-पत्नी के वैवाहिक जीवन में प्यार बढ़ता है। इसके अलावा निसंतान औरतें संतान प्राप्ति के लिए सोमवती अमावस्या का व्रत रखती हैं।

क्या है महत्व

सोमवती अमावस्या पर किए गए दान-पुण्य और पवित्र नदी में स्नान से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। जीवन से नकारात्मकता दूर होती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए।

इस तरह से घर पर करें स्नान

किसी कारण अगर पवित्र नदी के तट पर स्नान करने नहीं जा पाते हैं। तब घर पर पानी में गंगाजल, नर्मदा, क्षिप्रा जल मिलाएं और तीर्थों का ध्यान करते हुए स्नान करें। सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें। ऐसा करने से भी तीर्थ और नदी स्नान के बराबर शुभ फल मिलता है। जरूरतमंद को अनाज और अन्य जरूरी चीजें दान करें। हरी घास गायों को खिलाएं और पक्षियों को दाना डालें।

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