हंगरी के इस गांव में रहने वाली महिलाएं केवल साड़ियां पहनती हैं, यहां के पुरुष केवल धोती, कमीज और सनातन के दूसरे पारंपरिक कपड़े पहनते हैं
गांव में खेती करने के लिए ट्रैक्टर का यूज नहीं बल्कि बैलों के साथ सनातन के प्राचीन तौर तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है
यहां के बच्चे मोडर्न एजुकेशन के साथ साथ संस्कृत भाषा सीख कर वेद ज्ञान का अनुसरण करते हैं
सबसे बड़ी बात यहां के बच्चे स्कूलों में माथे पर तिलक लगा कर जाते हैं और स्कूल से आने के बाद इस गांव में बनी गौशालाओं में गो माता की सेवा करने जाते हैं
पिछले कुछ सालों में हंगरी के इस सबसे बड़े हिंदू गांव में आने वाले टूरिज्म की संख्या इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है
1 साल में जितने पर्यटक पूरे हंगरी में आते है उससे 3 गुना ज्यादा पर्यटक अकेले इस एन्शियंट हिंदू कल्चर पर बेस्ड इस गांव को देखने के लिए आते हैं