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जर्मनी के म्यूनिख में आईटी कंपनी चलाने वाली पूजा मिश्रा अपने देवर के लिए मसीहा बन गई।
पूजा को सूचना मिली कि उसका देवर सात साल से नवजीवन दान नशा मुक्ति केंद्र में रह रहा है।
देवर को तरह-तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है। वह 18 जुलाई को मेरठ पहुंची और अपने देवर को मुक्त कराया।
उसने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को ईमेल से पत्र लिखकर इस केंद्र की अमानवीयता का वर्णन किया।
डीजीपी ने डीएम और एसएसपी को तत्काल टीम बनाकर इस मामले में कार्रवाई करने के आदेश दिए।
कार्रवाई के दौरान NRI महिला आगरा से मेरठ आई और इस केंद्र से 23 लोगों को मुक्त कराया।
पूजा का कहना है कि केंद्र में छोटे-छोटे और गंदे कमरों में कई लोगों को बंधक बनाकर रखा गया था।
वहां कोई डॉक्टर, नर्स और काउंसलर मौजूद नहीं था। कमरे में सिर्फ एक शौचालय था।
मौके पर अमित चौधरी और मनोज दुबे पकड़े गए। उन्हें नोटिस देकर जमानत पर रिहा कर दिया गया।