"इंटरमिटेंट फास्टिंग" वजन घटाने की एक प्रक्रिया है जिसे आजकल लोगों के बीच काफी पसंद किया जा रहा है।
आइए जानते हैं कि क्या वाकई इंटरमिटेंट फास्टिंग ही शोध में बताए गए पीरियड्स में देरी का कारण है या नहीं?
यह एक तरह का उपवास है जिसे वजन घटाने के लिए सबसे कारगर माना जाता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग में व्यक्ति नियमित अवधि में उपवास और भोजन करने की गतिविधि का पालन करता है।
इसमें लोग 16 से 24 घंटे तक उपवास करते हैं, जैसे 16 घंटे का उपवास रखने के बाद कम कैलोरी वाला खाना खाना।
इंटरमिटेंट फास्टिंग से पीरियड्स नियमित न होने की समस्या हो सकती है, क्योंकि इस उपवास से हाइपोथैलेमस प्रभावित होता है।
एक शोध में पाया गया कि इंटरमिटेंट फास्टिंग प्रजनन अंगों को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे पीरियड्स में देरी हो सकती है।
एक शोध में पाया गया कि इंटरमिटेंट फास्टिंग प्रजनन अंगों को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे पीरियड्स में देरी हो सकती है।