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भगवान सोबेक का चेहरा भी मगरमच्छ जैसा बताया जाता है। वैज्ञानिकों को 3 हजार साल पुरानी ममी मिली है।
3डी इमेजिंग से पता चला है कि नील नदी से मगरमच्छ कैसे पकड़े जाते थे।
पकड़े जाने के बाद उन्हें ममी बनाकर भगवान सोबेक को बलि चढ़ा दी जाती थी।
एक्स-रे की मदद से उन्होंने दिखाया है कि 2.2 मीटर लंबे इस मगरमच्छ को नील नदी से कैसे पकड़ा गया।
फिलहाल यह ममी बर्मिंघम म्यूजियम एंड आर्ट गैलरी में रखी गई है। यहां इसे सीरियल नंबर 2005.335 दिया गया है।
नील नदी के मगरमच्छों के बारे में कहा जाता था कि वे इंसानों के लिए ज्यादा ताकतवर, क्रूर और जानलेवा होते थे।
माना जाता था कि अगर मगरमच्छ ज़्यादा होंगे तो बारिश भी अच्छी होगी।