प्रेमानंद महाराज ने बताया इतनी भक्ति करने के बाद भी दुख क्यों आते हैं?
प्रेमानंद महाराज से निजी बातचीत में एक भक्त ने पूछा कि लोग कहते हैं कि इतनी भक्ति के बाद भी हमें कष्ट क्यों होता है?
सवाल
इस सवाल का जवाब देते हुए प्रेमानंद महाराज ने कहा कि जब आप हमारे प्रति समर्पित हैं तो आपको हमारी बात समझनी चाहिए।
महाराज जी का जवाब
जो आपके अंदर आ रहा है वो तो हमारी बात है तो आपको दूसरों की बात सुनने की क्या जरूरत है।
ज़रूरत
उन्होंने आगे कहा कि एक रास्ता अपनाएं। अपनी सत्यनिष्ठा के प्रति सच्चे रहें। इस दुनिया के लोग कुछ भी कहते हैं।
मार्ग
महाराज जी ने आगे कहा कि जिनके पास श्रद्धा का पहाड़ था, उन्हें पहाड़ जैसा कष्ट सहना पड़ा।
भक्ति का पर्वत
हमें अपने आप को उसी भक्ति में लाना है जो पिछले जन्म में हमें भगवान को जपना था - राधा, राधा, राधा।
नाम जप
प्रेमानंद महाराज ने आगे कहा कि यह संसार एक महासागर है, बाहर निकलो और चुपचाप तैरो।
चुपचाप चले जाओ
वह आगे कहते हैं कि यहां कौन क्या कह रहा है, अगर आप देखते-सुनते रहेंगे तो फंस जाएंगे। सीधे चलो।
सीधे चलो
उन्होंने कहा कि गुरु के वचनों से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मोक्ष की प्राप्ति