बदल रहे हैं Driving Licence बनवाने की नियम, हर किसी के काम की है यह जानकारी
सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब आवेदक को सरकारी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) में ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी।
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, अब निजी संस्थान ड्राइविंग टेस्ट करने और सर्टिफिकेट जारी करने के लिए अधिकृत होंगे। ताकि जिन लोगों को उन्होंने ट्रेनिंग दी है उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस दिया जा सके।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यह नया नियम 1 जून 2024 से लागू किया जाएगा। इससे पहले सरकार ने एक सार्वजनिक अधिसूचना जारी की है।
इस सुविधा के लिए कम से कम 1 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। इसके अलावा ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के लिए चार पहिया वाहनों के लिए अतिरिक्त 2 एकड़ जमीन का होना अनिवार्य होगा।
ट्रेनिंग सेंटर के लिए नियम
ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर ऐसी जगह पर होना चाहिए जहां हर कोई बिना किसी परेशानी के आसानी से पहुंच सके। मतलब आने-जाने के रास्ते में कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए।
आपको कितनी जमीन चाहिए?
प्रशिक्षकों के पास कम से कम हाई स्कूल डिप्लोमा या समकक्ष शैक्षणिक योग्यता होनी चाहिए। साथ ही, उनके पास कम से कम 5 साल का ड्राइविंग अनुभव होना चाहिए।
एक्सेस के नियम
इसके अलावा ड्राइविंग ट्रेनर्स को बायोमेट्रिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सिस्टम की भी बुनियादी जानकारी होना जरूरी है।
ट्रेनर्स की योग्यता
हल्के वाहन का प्रशिक्षण कम से कम 29 घंटे के प्रशिक्षण के साथ 4 सप्ताह से कम समय में पूरा किया जाना चाहिए। यह प्रशिक्षण सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक 2 भागो में होगा।
ट्रेनिंग समय
200 रुपये लर्नर लाइसेंस रिन्यूअल 200 रुपये स्थायी लाइसेंस: 200 रुपये अंतर्राष्ट्रीय लाइसेंस: 1000 रुपये