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धार्मिक ग्रंथों गरुण पुराण में जीवन से मृत्यु तक की बातें बताई गई है।
इस ग्रंथ के अनुसार, मृत्यु के बाद आत्मा पूरे 1 दिन तक शरीर के आसपास रहते है और अपने परिवार वालों की बाते सुनते है।
गरुण पुराण अनुसार, यमदूत मृत्यु के बाद आत्मा को यमलोक पहुंचा देते है, जहां कर्मों के आधार पर सबको न्याय मिलता है।
इसके साथ ही कुछ धर्मग्रंथों में अंतरमृत लोक के बारे में बताया गया है। इसको मृत्यु और पुनर्जन्म के बीच का जगह बताया गया है।
मृत्यु के बाद शरीर से आत्मा निकल कर यही घूमती है। ऐसे में किसी की मृत्यु हिंसक या असामयिकता के कारण होता है तो
उसकी आत्मा 'प्रेत योनि' में घूमती है। वही कुछ धर्मों में बताया गया है कि मौत के तुरंत बाद आत्मा को 'स्वर्ग' या 'नर्क' भेज दिया जाता है।
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