तवायफ बनने के लिए कुछ रस्में होती थीं और उन रस्मों के बाद जब एक लड़की तवायफ बनती थी तो...
उसे कोठों के रिवाजों को भी अपनाने होते थे इसी रिवाज में एक ऐसी चीज थी जो उन्हें लती बना देती थी
हर तवायफ को आपने पान खाते देखा या सुना जरूर होगा और ये तवायफखाने का रिवाज ही था
पान खाना तवायफों के लिए एक समय तलब और बाद में लत में बदल जाती थी
लेकिन आप जानते आखिर क्यों ये पान खाती थीं? असल में ये संसकृति और विरासत के सम्मान से आगे की चीज थी
पुराने समय में तवायफे पान खाकर अपने होंठ लाल करती थीं और उनके मुंह से पान की सुगंध आती थी
पान खाने से उनका आकर्षण बढ़ता था और वह ज्यादा बोल्ड नजर आती थीं
साथ ही अपने शरीर की काया और आकर्षण को बनाए रखने के लिए कम खाना खाती थीं और भूख कम करने में ये पान काफी मदद करता था
आयुर्वेद के अनुसार, पान के पत्ते सूजन, नपुसंकता, शारीरिक कमजोरी को दूर करने के साथ ही पेट को ठंडक देते थे,इसलिए इसे तवायफे खाती थीं और इसकी आदत लत में बदल जाती थी