वैसे तो हनुमान जी को श्रीराम का भक्त कहा जाता है, लेकिन क्या आपको बता है।
एक बार श्रीराम ने हनुमान जी को मारने के लिए ब्रह्मास्त्र चला दिया था। आइए जानते है कैसा क्यों हुआ।
पौराणिक कथा के अनुसार, रावण का वध करने के बाद भगवान राम अयोध्या लौटें और अयोध्या के राजा बन गए।
देवर्षि नारद ने उस समय हनुमान जी को भी ऋषि-मुनियों से भेट करें की सलाह दे दी। लेकिन ऋषि विश्वामित्र से न मिलने की सलाह दी।
तब हनुमान जी ने ऐसा ही किया, लेकिन ऋषि विश्वामित्र को एक बात से कोई फर्क नहीं पड़ा।
जब नारद जी ने देखा विश्वामित्र को इस बात का फर्क नहीं पड़ा तो उन्होंने हनुमान जी के खिलाफ खूब भड़काया।
इस घटना के बाद विश्वामित्र को क्रोध आ गया और उन्होंने राम जी को हनुमान जी का वध कर देने का आदेश दे दिया।
श्रीराम ने गुरु आज्ञा का पालन करते हुए हनुमान जी पर बाण चला दिए।
लेकिन कहा जाता है कि हनुमान जी हमेशा राम-राम की माला जपते थे जिसके कारण उनपर असर नहीं हुआ। फिर उन्होंने ब्रह्मास्त्र चला दिया।
उसका भी कुछ असर नहीं हुआ तो दुखी मन से देख नारद जी ने विश्वामित्र के पास जाकर माफी मांगी।