भूतों तांत्रिकों की टोली लेकर क्यों चलता था ये मुगल शहजादा
दारा शिकोह, मुगल सम्राट शाहजहां का सबसे बड़ा पुत्र और उत्तराधिकारी था, शाहजहां को दारा से खास लगाव था
मुगल साम्राज्य के पांचवें बादशाह शाहजहां के समय कंधार पर कब्जा करना मुश्किल हो रहा था, ऐसे दारा शिकोह को इसके लिए भेजा गया
कंधार जाने से पहले दारा लाहौर गया और वहां से 40 भूतों के स्वामी को अपनी सेना में भर्ती किया
इनमें से एक तांत्रिक था इंद्रगिरि,कालिका रंजन कानूनगो की किताब 'दारा शिकोह' के मुताबिक इंद्रगिरी ने उसे भरोसा दिया कि वो युद्ध में चमत्कार के द्वारा दारा को जीता देगा
इंद्रगिरि का कहना था कि वो 40 भूतों का स्वामी है जो उसका आदेश मानते हैं, इस तरह वो युद्ध में अपने उन भूतों से या फिर गुप्त आत्माओं से किले की दीवार गिरवा देगा
जादूगर इंद्रगिरि ईरानी राजकुमार का दोस्त बनकर कंधार में घुस तो गया लेकिन शक होने पर ईरान के सेनापति ने उसे पकड़ लिया और मार-मारकर सच उगलवा लिया
सेनापति ने इंद्रगिरि से कहा कि वो कुछ ऐसा जादू करे जिससे मुगल सेना पीछे हट जाए, लेकिन जादूगर ऐसा करने में विफल रहा जिसके बाद सेनापति का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया और उसने इंद्रगिरी को पहाड़ी से फिंकवा दिया
यही नहीं इसके बाद शिकोह के पास और भी कई जादूगर आए जिन्होंने शिकोह को युद्ध में जीत दिलवाने का भरोसा दिलाया
दारा के पास 70 हजार लोगों की सेना थी लेकिन वो सिपहसालारों से सलाह लेने की बजाय जादूगरों और तांत्रिकों की सलाह से ही हमले का दिन निर्धारित करता था