India News(इंडिया न्यूज़), Property Tax: अगर आपने कोई नया घर, जमीन, फ्लैट खरीदा है तो आपको प्रॉपर्टी टैक्स देना होता है। आपको किसी भी तरह की अचल संपत्ति पर टैक्स देना जरूरी है। अचल संपत्ति के मालिक को 6 महीने या फिर साल में प्रोपॅर्टी टैक्स देनेा जरूरी है। अगर टैक्स नही दिया तो जुर्माने के साथ कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
प्रॉपर्टी टैक्स में क्या-क्या चीजें? प्रॉपर्टी टैक्स ठीक उसी तरह भरा जाता है, जिस तरह से रेगुलर इनकम वाला व्यक्ति टैक्स भरता है। म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट 1888 MMC Ac) के अनुसार, नगर निकाय की तरफ से प्रॉपर्टी टैक्स में सीवरेज टैक्स, जनरल टैक्स, एजुकेशन सेस, स्ट्रीट टैक्स और बेटरमेंट चार्जेज होते हैं। प्रॉपर्टी चार्ज कई शहर में साल में दो बार छह-छह महीने पर भरा जाता है। अगर ये टैक्स न दें तो क्या होगा। अगर टैक्स नही दिया तो उसके बाद पेनाल्टी या ब्याज या दोनों वसूला जा सकता है।
कमीश्नर की ओर से वारंट जारी होता है और 21 दिन का समय दिया जाता है। अगर 21 दिन के अंदर टैक्स जमा नहीं किया जाता है तो संपत्ति कुर्क हो सकती है। साथ ही वह व्यक्ति डिफॉल्ट घोषित किया जाएगा और वह अपनी संपत्ति नहीं बेच सकता।
प्रॉपर्टी टैक्स न देने पर डिफाल्टर व्यक्ति का सिर्फ मकान ही सीज नहीं किया जा सकता है, बल्कि कई सारी चीजें हो सकती हैं। प्रॉपर्टी को बेचकर टैक्स की रकम रिकवरी भी की जा सकती है। साथ ही उस व्यक्ति के खिलाफ केस भी दर्ज किया जा सकता है।
अगर कोई मकान मालिक अपने घर को किराए के लिए दे रखा है तो उसे सालाना या 6 महीने पर टैक्स भरना होगा। अगर मकान मालिक यह टैक्स चुकाने में नाकाम है तो उस मकान में किराए पर रह रहे व्यक्ति को प्रॉपर्टी टैक्स भरना होगा। किरायेदार भी प्रॉपर्टी टैक्स भरने से मना करता है तो नगर निकाय के पास इसे वसूलने का अधिकार होता है।
Also read; IAS-IPS: फ्री मिलेगी UPSC की कोचिंग साथ में हजारों रुपये , जानें फॉर्म भरने…