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Ujjain Mahakal: हर दिन अलग रूप में होता है महाकाल का श्रृंगार, जानें रोचक बातें

India News(इंडिया न्यूज़),Ujjain Mahakal: महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है। महाकाल की भस्म आरती विश्वभर मेें प्रसिद्ध है। बाबा महाकाल का हर दिन भस्म से श्रृंगार किया जाता है। भस्म आरती को लेकर कई मान्यताएं भी प्रचलित हैं। यह कहा जाता है कि बाबा की भस्म आरती चिता की भस्म चढ़ाई जाती थी लेकिन अब यहां उपलों से भस्म बनाई जाती है।

ऐसे बनाई जाती है बाबा की भस्म 

बता दें कि बाबा की भस्म पलाश, बड़, शमी, पीपल, अमलतास, बैर के पेड़ की लकडि़यां और उपलों को एक साथ जलाया जाता है। उसके पूरी प्रक्रिया के दौरान मंत्रोच्चारण किए जाते हैं। इसे साफ कपड़े से छानकर बाबा का श्रृंगार किया जाता है।

अलग-अलग रूप में होता है श्रृंगार

महाकाल का संध्याकालीन श्रृंगार दर्शन घटा टोप के स्वरूप में किया जाता है। बाबा के स्वरूप को साल में एक बार किया जाता है।
बाबा महाकाल का श्री अनादिकल्पेश्वर महादेव का संध्या आरती श्रृंगार दर्शन हनुमान जी के स्वरूप में किया जाता है।
 

बाबा का शेषनाग आरती श्रृंगार दर्शन किया जाता है। 

महाकाल बाबा का दूल्हे के स्वरूप में श्रृंगार किया जाता है। उन्हें नए वस्त्र पहनाएं जाते है। 

उज्जैन स्थित महाकाल के मंदिर में हर दिन आरती के बाद बाबा को एक अलग रूप में सजाया जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाकालेश्वर उज्जैन के राजाधिराज हैं। ऐसा कहा जाता है कि बाबा महाकाल के दरबार में एक साथ दो राजा नही रूक सकते है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भी बड़े राजनेता या मुख्यमंत्री यहां रात को रुकते हैं उनकी सत्ता संबंधी कठिनाईयां शुरू हो जाती है।

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