India News MP (इंडिया न्यूज़), MP: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस विधायक कमलेश शाह के बीजेपी में शामिल होने पर प्रदेश के सीएम का बड़ा बयान सामने आया है। सीएम यादव का कहना है कि बीजेपी में शामिल होने वाले कांग्रेस पार्टी के नेता बड़ी राहत महसूस कर रहे हैं। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने पार्टी की कमान अपने हाथ में ले ली है। उनके परिवार में ऐसी मानसिकता है कि केवल उनकी पत्नी और बेटा ही नेता बन सकते हैं, सामान्य समाज से किसी को भी नेता नहीं बनना चाहिए।
कांग्रेस के लोग बड़ी संख्या में भाजपा में आते हैं और अपने लिए सांत्वना ढूंढते हैं। मैं राजनीतिक तौर पर काम करने के मौके का इंतजार कर रहा हूं। समाज के सभी वर्गों के लोगों के साथ मिलकर काम करने की भाजपा की परंपरा लोगों को आसानी से आकर्षित करती है।
गौड़ समाज के नेता कमलेश शाह
कांग्रेस और खासकर उसके बड़े नेताओं ने कांग्रेस को अपने ही परिवार में बंद कर दिया है। उनकी पत्नी और उनका बेटा नेता बन गये। सामान्य समाज का कोई भी व्यक्ति नेता नहीं बनना चाहिए। कमलनाथ जी के बेटे नकुलनाथ छिंदवाड़ा कांग्रेस से उम्मीदवार हैं। गौड़ समाज के नेता कमलेश शाह जी अभी भी कांग्रेस में थे और बहुत अच्छे थे, उनकी तीन पीढ़ियाँ विधायक रहीं।
नकुलनाथ माफी मांगे
कमलेश शाह शाही परिवार के सदस्य हैं। अब वह हमारे परिवार में शामिल हो गये हैं. उन्हें गद्दार, बिकाऊ कहना और गाली देना… मैं इसे किसी भी दृष्टि से उचित नहीं मानता। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि नकुलनाथ ने आदिवासी समाज के ऐसे नेता के साथ दुर्व्यवहार किया। उन्हें उनसे और उनके पूरे समाज से माफी मांगनी चाहिए।
छिंदवाड़ा में स्थिति बहुत खराब
कमलनाथ जी की छिंदवाड़ा में स्थिति बहुत खराब है। यह अशांति का प्रमाण है कि वे किसी समाज को नहीं जानते और किसी के बारे में कुछ भी बोल देते हैं। अपमान करने से राजनीति में किसी की छवि नहीं सुधरती। जब समाज के इतने बड़े व्यक्ति से मिलने आये थे तो समाज के इतने बड़े व्यक्ति से मिलने आये कमलेश शाह जी ने आदर भाव से कहा कि कमल नाथ मेरे आदरणीय रहे हैं। जबकि कमलेश शाह जी विनम्रता और सम्मान बनाए हुए हैं लेकिन आप उन्हें गाली दे रहे हैं।’
मोहन यादव ने कही ये बात
आपको बता दें कि छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ ने अमरवाड़ा की एक सभा में बीजेपी में शामिल हुए कमलेश शाह को आड़े हाथों लिया था। कहा कि वैसे तो आदिवासी गद्दार नहीं हैं, बिकाऊ नहीं हैं, लेकिन आपके चुने हुए विधायक भी गद्दार और बिकाऊ निकले। मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या आप उन्हें माफ कर देंगे?
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